विश्व आईवीएफ दिवस पर बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ वाराणसी में स्वास्थ्य संवाद: प्रजनन से जुड़ी भ्रांतियों पर खुलकर हुई चर्चा

वाराणसी:विश्व आईवीएफ दिवस के अवसर पर बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, जो भारत के शीर्ष तीन फर्टिलिटी नेटवर्क में से एक है, ने अपने वाराणसी केंद्र पर एक विशेष स्वास्थ्य संवाद का आयोजन किया। इस सत्र का विषय था ‘इनफर्टिलिटी को समझना: मिथक बनाम तथ्य’, जिसमें सफलतापूर्वक उपचार करा चुके दंपतियों, गर्भवती महिलाओं और पहली बार इलाज लेने आए मरीजों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का नेतृत्व सेंटर हेड और कंसल्टेंट डॉ. दीपिका मिश्रा ने किया। उन्होंने प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े आम भ्रमों पर रोशनी डाली और बताया कि कैसे पीसीओडी, एंडोमेट्रियोसिस और पुरुष इनफर्टिलिटी जैसी जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं इस क्षेत्र में बांझपन की प्रमुख वजह बन रही हैं।
सत्र में विशेष अतिथि के रूप में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मिता चंद्रा, यूरोलॉजिस्ट डॉ. श्वेतांक मिश्रा, और डायटीशियन अनिता अग्रवाल ने भाग लिया। अनिता अग्रवाल ने पोषण और प्रजनन स्वास्थ्य के आपसी संबंध पर व्यावहारिक जानकारी साझा की।
डॉ. दीपिका मिश्रा ने बताया, “हमारे यहां सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोग देर से इलाज के लिए आते हैं, खासकर पुरुष इनफर्टिलिटी को लेकर सामाजिक झिझक बनी रहती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने इन भ्रांतियों को तोड़ने और लोगों को समय रहते मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया है।”
बिरला फर्टिलिटी का वाराणसी केंद्र न केवल व्यक्तिगत रूप से मरीज़ों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इलाज प्रदान करता है, बल्कि आस-पास के ग्रामीण इलाकों में भी साप्ताहिक फर्टिलिटी कैंप लगाकर जागरूकता फैलाने का कार्य करता है। 150 किलोमीटर के दायरे में ये शिविर परामर्श, जांच और जानकारी देने का काम करते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे टियर 2 और टियर 3 क्षेत्रों में जहां इनफर्टिलिटी को लेकर जागरूकता की कमी है, ऐसे प्रयास न सिर्फ बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने में मदद करते हैं, बल्कि समुदाय में भरोसा भी पैदा करते हैं।

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