संजीव कुमार को मुद्राशास्त्र और इतिहास में उत्कृष्ट योगदान के लिए स्वर्ण पदक से किया सम्मानित

लखनऊ : अवध मुद्रा उत्सव 2024 में एक ऐतिहासिक समारोह के दौरान, प्रसिद्ध मुद्राशास्त्री श्री संजीव कुमार को अवध मुद्राशास्त्र सोसाइटी द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें मुद्राशास्त्र और भारतीय इतिहास में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम द रेग्नेंट होटल में आयोजित किया गया, जिसमें विश्व भर से प्रसिद्ध विद्वान, इतिहासकार और गणमान्य लोग भाग लेने पहुंचे थे।शाम के मुख्य आकर्षण में दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन था, जिसमें श्री कुमार की पुस्तक ‘ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर: ए न्यूमिस्मैटिक हिस्ट्री ऑफ द गोल्डन ऐज ऑफ इंडिया” शामिल थी। यह पुस्तक गुप्त वंश के सिक्कों की गहन समीक्षा के लिए प्रसिद्ध है और भारत के स्वर्ण युग पर इसके गहरे प्रभाव को उजागर करती है। कुमार को यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ विधायक और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने अवध मुद्रा उत्सव के उद्घाटन के दौरान प्रदान किया।श्री संजीव कुमार का अग्रणी शोध गुप्त काल की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि पर प्रकाश डालता है, जिसे भारत के इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में जाना जाता है। उनकी पुस्तक पाठकों को इस युग के सिक्कों का विस्तृत अवलोकन प्रदान करती है और उन्हें भारत के स्वर्ण युग की मुद्राशास्त्रीय धरोहर को समझने का अवसर देती है।
इस आयोजन में शिवली ट्रस्ट (शिकागो, यूएसए) द्वारा प्रो. केके थपल्याल, प्रो. दीन बंधु पांडेय, डॉ. शैलेंद्र भंडारे और डॉ. दिलीप राजगोर जैसे प्रतिष्ठित विद्वानों को उनके असाधारण योगदान के लिए सिल्वर मेडल भी प्रदान किए गए।इस उत्सव का एक और महत्वपूर्ण आकर्षण “ट्रेजर्स ऑफ द गुप्ता एम्पायर” पर संगोष्ठी थी, जहां प्रतिष्ठित विद्वानों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए और इस आकर्षक विषय पर संवाद और ज्ञान साझा किए।अवध मुद्रा उत्सव 22 सितंबर 2024 तक जारी रहेगा, जिसमें प्रदर्शनियां और नीलामी शामिल रहेंगी , जो संग्रहकर्ताओं और लोगों को मुद्राशास्त्र के दुर्लभ इतिहास से जुड़ने का अवसर प्रदान करेंगी।

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