लड़कियों की शिक्षा का अलख जगाते हुए एजुकेट गर्ल्स ने पूरा किया 17 साल का सफर

प्रयागराज।वर्ष 2007 में स्थापित एजुकेट गर्ल्स संस्था, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के दूरदराज गांवों में लड़कियों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए समर्पित है। अपने 17वें स्थापना दिवस के अवसर पर, संस्था ने टीम बालिका स्वयंसेवकों, प्रगति प्रेरकों, कर्मचारियों, दानदाताओं और साझेदारों के साथ मिलकर विद्या के साथ, प्रगति की ओर थीम के तहत ऑनलाइन समारोह मनाया।ऑनलाइन समारोह में संस्था की टीम बालिका स्वयंसेवकों और प्रगति प्रेरकों ने समारोह का संचालन किया। संस्था के साझेदार श्रीमती सुमन सिंह (संस्थापक, सखी), श्री रमेश सरन (सचिव, उरमूल ट्रस्ट), मैत्री संस्था सहभागी रहे। संस्था के 17 वर्षों के सफर को एक विडियो के जरिए प्रस्तुत किया गया। संस्था के निदेशक ऑपरेशन्स विक्रम सिंह सोलंकी और प्रगति निदेशक गितिका हिग्गीन्स ने संस्था की आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दी। एजुकेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना हुसैन ने कहा पिछले 17 सालों का सफर हमारे लिए प्रेरणादायक रहा है। लड़कियों को शिक्षित करने का हमारा प्रयास देश के लिए महत्वपूर्ण है। हमारा मिशन हर लड़की को शिक्षित और सक्षम बनाना है। 50 गांवों से शुरू किया गया यह प्रयास आज 30,000 से अधिक गांवों तक पहुंच गया है। इस सफलता के लिए मैं सरकार, समुदाय, दानदाताओं और सभी शुभचिंतकों को धन्यवाद देती हूं।एजुकेट गर्ल्स के सीईओ महर्षि वैष्णव ने कहा इन 17 सालों में एजुकेट गर्ल्स ने जो हासिल किया है, वह हमारे फील्ड चैंपियन्स के समर्पण का परिणाम है। वे वंचित और दूरस्थ समुदायों तक पहुंचकर लड़कियों को स्कूल में वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। हमारी सफलता के पीछे इनकी मेहनत और नवाचार का बड़ा योगदान है।संस्था स्थानीय सरकार और समुदाय के समर्थन के साथ साझेदारी के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करती है कि सभी लड़कियां स्कूल में जाएं और अच्छी तरह से सीखें। संस्था का विद्या कार्यक्रम 6-14 वर्ष की लड़कियों पर केंद्रित है, जो औपचारिक शिक्षा प्रणाली से बाहर हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा से वंचित लड़कियों को चिन्हित कर, उनका नामांकन और ठहराव करने के साथ उन्हें उपचारात्मक शिक्षा एवं अवसर प्रदान करना है। प्रगति कार्यक्रम 15 से 29 आयु वर्ग की शिक्षा से वंचित किशोरियों लिए ‘दूसरा मौका’ कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य सरकारी ओपन स्कूल प्रणाली द्वारा स्कूल न जाने वाली किशोरियों को लाभान्वित करना और उन्हें सशक्त बनाना है।

About Author

error: Content is protected !!