आदि शंकराचार्य द्वारा रचित “भज गोविंदम” का ‘आदित्य उत्सव 2025’ में अनावरण किया गया…..

वाराणसी,: बिड़ला समूह के संस्थापक स्वर्गीय बसंत कुमार बिड़ला की स्मृति में आयोजित आदित्य उत्सव 2025 इस ,समारोह में आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला और नितिन मुकेश के हाथों आदि शंकराचार्य द्वारा रचित “भज गोविंदम” इस भक्तिमय संगीत रचना का अनावरण किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कोलकाता में स्थित संगीत कला मंदिर में किया गया था। इस कार्यक्रम में पद्मश्री अनुराधा पौडवाल, कविता पौडवाल एवं समूह ने आदि शंकराचार्य निर्मित भक्ति काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं।
इस अवसर पर कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि आदित्य बिड़ला समूह की ओर से आदि शंकराचार्य के इस भक्ति काव्य के अनावरण और उसके बारे में जागरूकता पैदा करने की इस नेक पहल का हिस्सा बनकर हमें बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि पद्मश्री अनुराधा पौडवाल की मधुर आवाज में भक्ति रचनाओं की मनमोहक प्रस्तुति हर किसी को इन भक्ति रचनाओं को समझने में सक्षम बनाती है। “यह भक्ति रचनाओं की प्रस्तुति से परे एक पहल है, जिसे देश और हमारी सबसे बड़ी आध्यात्मिक निधि के रूप में समर्थन देने पर हमें गर्व है।” आदित्य बिड़ला समूह भारत का सबसे बड़ा समूह है और इसने चुनिंदा प्राचीन भारतीय आध्यात्मिकता को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। “भज गोविंदम” कॉलर ट्यून जल्द ही वैश्विक दर्शकों के लिए उपलब्ध होगी।“भज गोविंदम” एक भक्ति रचना है जिसकी रचना की पृष्ठभूमि इस प्रकार है। एक बार आदि शंकराचार्य अपने कुछ शिष्यों के साथ ज्ञान की परमधाम पवित्र नदी गंगा के तट पर काशी की सड़कों पर घूम रहे थे। रास्ते में उन्हें एक बूढ़ा व्यक्ति संस्कृत व्याकरण का अध्ययन करते हुए मिला। इसका कारण बताते हुए उस व्यक्ति ने स्वीकार किया कि उसने जीवन भर भगवान की स्तुति नहीं की, क्योंकि वह संस्कृत व्याकरण नहीं समझता था। आदि शंकराचार्य ने उन्हें अपना मन केवल ईश्वर की भक्ति की ओर लगाने का आग्रह करते हुए “भज गोविंदम” नामक एक स्तोत्र दिया। “भज गोविंदम” एक प्रार्थना है जो भगवान का ध्यान हमारी ओर आकर्षित करती है तथा उन तक पहुंचने में हमारी असहायता को व्यक्त करती है। इस प्रार्थना की विशेषता यह है कि इस प्रार्थना का सार बहुत ही सरल भाषा में संगीत के माध्यम से खूबसूरती से व्यक्त किया गया है, ताकि हर कोई इसे आसानी से पढ़ सके और मन की शांति पा सके। ‘भज गोविंदम’ का अर्थ है कि एक मनुष्य के रूप में, मैं प्रार्थना की विधि से अनभिज्ञ हूँ और केवल आप ही मेरे निरर्थक शब्दों का अर्थ समझ सकते हैं। ‘भज गोविंदम’ को आदित्य बिड़ला ग्रुप और पद्मश्री अनुराधा पौडवाल के सहयोग से संगीत की दुनिया में लाया गया है।

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