आकाश हेल्थकेयर ने की ANVKA फाउंडेशन के साथ मिलकर पिंक बोन्स” की घोषणा

गोरखपुर । भारत के वंचित बच्चों में हड्डियों की विकृति के संकट को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में आकाश हेल्थकेयर ने अन्वका फाउंडेशन के साथ साझेदारी में पिंक बोन्स डिफॉर्मिटी फ्री किड्स कॉम्यूनिटी शुरू किया है। इस कार्यक्रम के जरिये जन्मजात और आर्थोपेडिक समस्याओं से जूझ रहे 16 वर्ष तक के बच्चों को प्रारंभिक पहचान से लेकर सर्जरी के बाद पुनर्वास तक निःशुल्क चिकित्सा देखभाल करने की जिम्मेदारी निभाने का वादा किया है।आकाश हेल्थकेयर के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विक्रम खन्ना ने कहा कि ये स्थितियां विशेष रूप से वंचित समुदायों के बच्चों के बीच महत्वपूर्ण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक चुनौतियों का कारण बन सकती हैं। बच्चों में हड्डियों की विकृति विभिन्न कारकों, जैसे चोट, संक्रमण या आनुवंशिक स्थितियों से उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने कहा ये विकृतियां न केवल बच्चे के शारीरिक विकास में बाधा डालती है, बल्कि चलने, दौड़ने, खेलने या लिखने जैसी रोज़मर्रा की गतिविधियों को करने की उनकी क्षमता को भी प्रभावित करती है। इसका प्रभाव शारीरिक सीमाओं से परे होता है, जो उनके भावनात्मक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हालांकि, जल्दी पता लगाने और समय पर इलाज से प्रभावित बच्चों के जीवन की गुणवत्ता और समग्र कल्याण में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है,”।

हाल ही में शुरू की गई इस पहल ने एक 9 वर्षीय बच्चे जो कभी गंभीर रूप से विकृति यानी टेढ़े-मेढ़े पैरों के कारण व्हीलचेयर तक ही सीमित था, को चलने-फिरने में योग्य बनाया। इस पहल के बाद बच्चे के जीवन में यह एक परिवर्तनकारी क्षण था। बच्चे की पैरों पर खड़े होने की यात्रा पूरे भारत में हजारों बच्चों के लिए आशा का प्रतीक है। अपने माता-पिता और आकाश हेल्थकेयर के ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. आशीष चौधरी के बगल में खड़ी होकर मुस्कुराते हुए बच्ची ने कहा “मुझे खुशी है कि मैं अब चलने में सक्षम हूं और कुछ महीनों के भीतर मैं अपने दोस्तों के साथ खेल पाऊंगी”।

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