वाराणसी। कमिश्नर कौशल राज शर्मा शुक्रवार को कमिश्नरी ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आर०जी०एस०ए०) योजनान्तर्गत खण्ड विकास अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), मंडल स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कमिश्नर ने बताया कि प्रशिक्षण अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए महत्वपूर्ण है।जिन अधिकारियों द्वारा 10 वर्ष,20 वर्ष व 25 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली गयी है उनके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। उनको लगता है कि उनको प्रशिक्षण की क्या आवश्यकता है,उनको तो सब जानकारी है, लेकिन जब प्रशिक्षण में आते है और जब जानकारी दी जाती है तब पता चलता है कि 50 प्रतिशत जानकारियां जो नियुक्ति के समय दी गयी थी भूल चुके हैं। प्रशिक्षण से पता चलता है कि हमें क्या करना है और हम क्या कर रहे हैं।
कमिश्नर के द्वारा खण्ड विकास अधिकारियों को बताया गया कि वे अपने आप को केवल ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी समझ कर कार्य न करें। कृषि उत्पादन आयुक्त के अधीन ही 18 विभाग आते हैं जिसमें ग्राम्य विकास विभाग उनमें से एक है उसके अलावा भी 17 विभाग के कार्य भी खण्ड विकास अधिकारी ही करते हैं।खण्ड विकास अधिकारी ग्राम्य विकास विभाग के अलावा अन्य विभागों के कार्यों को भी गंभीरता से लें।निरंतर अनुश्रवण कर प्रगति सुनिश्चित करायें।ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत समितियों के गठन पर आयुक्त द्वारा प्रतिभागियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए बताया कि सब को पता है कि 6 समितियों का गठन होता है लेकिन 50 प्रतिशत लोगों को सभी 6 समितियों के नाम और उनके कार्य याद नहीं होंगे। क्योंकि इनके गठन को कोई गंभीरता से नहीं लेता है। अतः इनका गठन खण्ड विकास अधिकारी/सहायक विकास अधिकारी पंचायत गंभीरता से करायें और उनको सक्रिय करें। उन्होंने बताया कि आज के समय में काम करने के हर प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सचिव के साथ-साथ अन्य कर्मचारी भी उपलब्ध हैं मोबाइल पर व्हाट्सऐप के माध्यम से सूचनाएं प्राप्त की जा सकती है। ग्राम पंचायत सचिवों के पास 4-5 ग्राम पंचायत रहतीं हैं। ग्राम पंचायत सचिवों की उपस्थिति और उनका निवास ग्राम पंचायत में सुनिश्चित कराया जाये।जब आप अपने कार्य के प्रति सजग रहेगें तो आपके नीचे के कर्मचारी भी सक्रिय रहेंगे। एक विकास खण्ड में औसतन 100 ग्राम पंचायतें हैं तो सभी ग्राम पंचायतों का सर्वे एक बार में कराकर रिपोर्ट तैयार की जा सकती है और उसका उपयोग विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों में किया जा सकता है जैसे आवास,बृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन,कृषि, बागवानी, मधुमक्खी पालन, किसानों की आय दोगुना करने के उपाय इत्यादि के लिए बार बार सर्वे कराने की आवश्यकता नहीं होगी। जितनी योजनाओं के लिए लाभार्थियों का चयन करना होता है उतनी बार सर्वे कराना पड़ता है यह कार्य एक बार में सर्वे कराकर किया जा सकता है
कमिश्नर ने परिवार रजिस्टर का डिजिटाइजेशन करनें, मृत्यु पंजीकरण नियमित करने का निर्देश दिया और साथ ही बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उपलब्ध कराई गई बुकलेट को ध्यान से पढ़ कर उसमें दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों का उपयोग अपने विकासखंड में कुछ उत्कृष्ट कार्य करने में किया जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कार्य को सिर्फ कार्य के लिए न किया जाए बल्कि अपने आत्म संतुष्टि के लिए भी कुछ कार्य करना चाहिए। ग्राम पंचायतों में जितने भी सरकारी भवन हैं उनका कायाकल्प करने पर जोर दिया। सभी विकास खंड अधिकारी विकास खंड कार्यालय में पी०आर०ए०/नजरी नक्शा रखें जिसमें सभी ग्राम पंचायतों का रूट मैप हो और इस बात की जानकारी होगी ग्राम पंचायत में कौन-कौन से कार्य कराए गए हैं और कौन-कौन से कार्य कराए जाने की आवश्यकता है, किस योजना के कितने लाभार्थी हैं और कितने पात्र हैं। सभी विकास खंडों में सभी विभागों के कम से कम एक उत्कृष्ट कार्य होना चाहिए।