उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने अपनी एक नई शाखा उत्तर प्रदेश के मेरठ में खोली

मेरठ– उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड (उत्कर्ष एसएफबीएल) ने आज उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में अपनी नई शाखा की शुरूआत की। यह शाखा विकास प्लाजा, प्लाट नं-04 श्रीराम पैलेस, नवीन मंडी, मेरठ दिल्ली जीएसटी रोड मेरठ, 250002 में खोली गई है। इस नई शाखा की शुरूआत के साथ ही, मेरठ में कुल शाखाओं की संख्या तीन और उत्तर प्रदेश में 195 शाखाएं और देश भर के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल संख्या 914 तक पहुंच गई है।
इस नई शाखा के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री गोविंद सिंह ने कहा, “हमें इस बात की खुशी है कि हमारा बैंकिंग नेटवर्क उत्तर प्रदेश में विस्तार ले रहा है। इस नई शाखा के साथ ही हमारी पहुंच उत्तर प्रदेश में बढ़ी है। मेरठ अपनी ऐतिहासिकता और शानदार आर्थिक शहर के रूप में मशहूर है औऱ यहां विकास के सभी अवसर उपलब्ध हैं। इस नई शाखा के कारण स्थानीय लोगों को हमारी बैंकिंग सेवाओं का पूरा सहयोग मिलेगा, साथ ही आर्थिक विकास में मजबूती आएगी जिसका लाभ जिले के आसपास के सभी वर्गों को मिलेगा।“
बैंक के द्वारा अपने ग्राहकों को तमाम तरह के वित्तीय उत्पाद और सेवाएं प्रदान कराई जाती हैं जिनमें सेविंग और करेंट अकाउंट्स, फिक्स्ड डिपाजिट और रेकरिंग डिपाजिट जैसी सेवाएं शामिल हैं। ग्राहकों की आर्थिक महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए, बैंक कई तरह के लोन जैसे हाउसिंग लोन, बिजनेस लोन और संपत्ति के एवज में लोन उपलब्ध कराती है।
बैंक के पास बहुत ही अच्छा बैंकिंग आउटलेट इंफ्रास्ट्रक्चर है, डिजिटल बैंकिंग की सुविधाएं और एटीएम का नेटवर्क है जिससे बैंक अपने ग्राहकों को हर तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम है। इसके अलावा बैंक दूसरे तरह की सुविधाएं जैसे इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) भी उपलब्ध कराती है।
उत्कर्ष एसएफबीएल का उद्देश्य उन लोगों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना है जिन लोगों तक बैंकिंग सेवाएं नहीं पहुंच सकी हैं। बैंक ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की अपनी कोशिश में माइक्रो-बैंकिंग लोन (जेएलजी लोन), एमएसएमई लोन, हाउसिंग लोन औऱ संपत्ति के एवज में लोन उपलब्ध करवाती है। इसके अलावा बैंक उन ग्राहकों को बैंक अकाउंट खोलने की सुविधा भी उपलब्ध कराती है जो किन्हीं कारणों से बैंक नहीं पहुंच सकते, ऐसे ग्राहक बैंक के टैबलेट आधारित एप्लिकेशन माडल, “डिजी आन-बोर्डिंग” का सहारा ले सकते हैं।

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